ज़ियाओमी और ओप्पो चीन से भारत में स्मार्टफोन शिपिंग कर रहे हैं. दरअसल, वैसे तो पिछले महीने लॉकडाउन से थोड़ी राहत मिली, बावजूद इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन शुरू नहीं कर पाई हैं। ऐसे में भारतीय मार्केट की डिमांड को पूरी करने के लिए चीन से फोन मंगवाना जरूरी हो गया है। ओप्पो और शाओमी जैसे स्मार्टफोन मेकर्स ने भी चीन से स्मार्टफोन्स इंपोर्ट करने का फैसला किया है। एक सीनियर इंडस्ट्री एग्जक्यूटिव ने कहा कि पिछले तीन साल से ये कंपनियां भारत में ही प्रोडक्शन कर रही हैं लेकिन मौजूदा डिमांड पूरी करने के लिए चीन से इंपोर्ट करना होगा।

 

 

लैपटॉप और डिशवॉशर्स जैसे प्रोडक्ट्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है और इनकी सेल पहले के मुकाबले कई गुना हो रही है। ऐसे में कंपनियों की ओर से पिछले कुछ सप्ताह में इंपोर्ट भी दो से चार गुना तक बढ़ा दिया गया है। मार्केट की डिमांड के अलावा इसकी वजह प्रवासी मजदूरों का उपलब्ध ना होना और कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते प्लांट्स का बंद होना है। प्लांट्स में डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शुरू हुआ प्रोडक्शन भी पहले जितनी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। करीब 22 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी के चलते कंपनियों को शुरू में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

 


ओप्पो के ग्रेटर नोएडा प्लांट को कर्मचारियों में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद पिछले महीने बंद करना पड़ा था। हालांकि, प्लांट में ऑपरेशंस एकबार फिर शुरू कर दिए गए हैं लेकिन प्रोडक्शन घटकर क्षमता का केवल 30 प्रतिशत रह गया है। इसी प्लांट में रियलमी और वनप्लस फोन्स भी मैन्युफैक्चर किए जाते हैं और ये दोनों ब्रैंड भी इंपोर्ट से जुड़े विकल्प तलाश रहे हैं। हालांकि, वनप्लस और रियलमी की ओर से 22 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी के चलते कोई आखिरी फैसला इसपर नहीं लिया गया है। ऐसे में साफ है कि प्रोडक्शन तेज होने तक आने वाले वक्त में चीन से इंपोर्ट तेजी से बढ़ सकता है।

మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: