शुक्रवार को GST काउंसिल की 40वीं बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया कि अगस्त 2017 से जनवरी 2020 तक के लिए GST return दाखिल नहीं करने पर लगने वाली लेट फीस को माफ किया जाएगा. हालांकि, यह राहत उन व्‍यापारियों को मिलेगी जिनकी कोई Tax liability नहीं है. 

 

 

FM ने बताया कि जिन लोगों पर Tax liability है और उन्‍होंने रिटर्न फाइल नहीं किया है तो उन पर न्‍यूनतम late fees 500 रुपए प्रति रिटर्न पर कैप कर दी गई है. यह राहत जनवरी 2020 तक रहेगी. 1 जुलाई 2020 से 30 सितंबर 2020 तक सभी रिटर्न पर भी यही प्रावधान होगा.

 

 

FM ने कहा कि जो व्‍यापारी पहला रिटर्न यानि GSTR-3B नहीं भर पाए हैं वे आगे के रिटर्न भी नहीं भर सकते. इस Pendency को खत्‍म करने के लिए ही यह राहत दी गई है. 

 

 


वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में सभी राज्‍यों के वित्‍त मंत्री शामिल हुए. Video कॉन्‍फ्रेंसिंग से हुई मीटिंग में वित्‍त मंत्री ने राज्‍यों की दरख्‍वास्‍त बड़े ध्‍यान से सुनी. हर राज्‍य ने अपनी-अपनी बात कही. 

 

GST council की इससे पिछली 14 मार्च को हुई बैठक FM सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार मुआवजे की जरूरत को पूरा करने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा बाजार से कर्ज जुटाने की कानूनी वैधत पर गौर करेगी.

 

 

GST कानून के तहत राज्यों को एक जुलाई, 2017 से जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद पहले पांच साल तक राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गई है.

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