आज 27 दिसम्बर को सलमान ख़ान 54 साल के हो गये हैं। बॉलीवुड में फिलहाल सुपरस्टार्स तो कई हैं, मगर सलमान से बड़ा स्टारडम शायद ही किसी का हो। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से उनकी फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर मनी मेकिंग मशीन बनी हुई हैं। मगर, करियर की शुरुआत सलमान के लिए आसान नहीं रही।

 

हिंदी सिनेमा के वेटरन राइटर सलीम ख़ान का बेटा होने के बावजूद पहली फ़िल्म मिलने में सलमान को एड़ी से चोटी का ज़ोर लगाना पड़ा था। मगर, तमाम मुश्किलों को पार करके सलमान सूरज बड़जात्या के प्रेम बने और बॉलीवुड को एक सितारा मिला। मगर क्या आप जानते हैं कि सलमान का नाम सूरज तक पहुंचाने में किसका योगदान था? 

 

29 दिसम्बर को मैंने प्यार किया 30 साल का सफ़र पूरा कर रही है। इस मौक़े पर आइए जानते हैं, इस फ़िल्म से जुड़ी वो बातें, जिनके बारे में लोग कम ही जानते होंगे। मैंने प्यार किया सूरज बड़जात्या की बतौर निर्देशक पहली फ़िल्म थी। सूरज के पिता राजकुमार बड़जात्या इस फ़िल्म से बेटे को बतौर निर्देशक लांच करने वाले थे। इस प्रेम कहानी की स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद तय किया गया कि फ़िल्म में नये चेहरों को मौक़ा दिया जाए।

 

प्रेम और सुमन की तलाश शुरू हुई तो फ़िल्म सबसे पहले दीपक तिजोरी के पास गयी, मगर बात नहीं बनी। दीप राज राणा ने ऑडिशन दिया, पर फेल हो गये। पीयूष मिश्रा भी कतार में थे, मगर उन्होंने मना कर दिया। मोहनीश बहल ने ऑडिशन दिया, जिन्हें विलेन के रोल के लिए चुना गया। आख़रिकार विंदु दारा सिंह का नाम फाइनल हुआ और फ़िल्म की शूटिग शुरू हुई। मगर, एक दिन की शूटिंग के बाद विंदु बाहर कर दिये गये और फिर से लीड एक्टर की खोज शुरू हुई। 

 

इसके बाद जाने-माने एक्टर यूसुफ ख़ान के बेटे फ़राज़ ख़ान को चुना गया। शूटिंग शुरू हुई, मगर फ़राज़ को पीलिया ने जकड़ लिया। एक बार फिर लीड एक्टर की तलाश होने लगी। सूरज इसके साथ हीरोइन के लिए भी ऑडिशन कर रहे थे। सुमन के लिए एक्ट्रेस शबाना दत्त ने भी ऑडिशन दिया और इस दौरान ही शबाना ने सलमान का नाम सूरज को रिकमेंड किया।

 

शबाना सलमान से एक फुटवेयर के कमर्शियल की शूटिंग के दौरान मिली थीं। शबाना को तो सुमन का रोल नहीं मिला, मगर सलमान आज भी उन्हें प्रेम बनाने का क्रेडिट देते हैं। दुखद बात यह है कि सलमान को उनके ज़िंदगी की सबसे बड़ी कामयाबी का रास्ता दिखाने वाली एक्ट्रेस का कुछ अता-पता नहीं है। 

 

सलमान और सूरज ने उन्हें ढूंढने की बहुत कोशिश की, मगर मिली नहीं। सलमान का मुस्तकबिल बदलने वाली यह फ़िल्म 29 दिसम्बर 1989 को रिलीज़ हुई थी। सुमन के रोल में भाग्यश्री की एंट्री हुई। उस दौर में फ़िल्मों के बजट 60-70 लाख रहते थे, जबकि राजश्री प्रोडक्शंस की फ़िल्में 40 लाख रुपये के बजट में बन जाया करती थीं। मगर, मैंने प्यार किया के निर्माण में एक करोड़ का ख़र्च आया था।

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