मुंबई। हिंदी स‍िनेमा का वो महान स‍ितारा ज‍िसने केवल 25 साल के फ‍िल्‍मी कर‍ियर में 50 से अध‍िक शानदार फ‍िल्‍मों में काम क‍िया, उसका आज जन्‍मद‍िन है। ज्‍यादा पुरानी बात न करें, तो उन्‍हें शोले के ठाकुर के रूप में जाना जाता है। हम बात कर रहे हैं अभिनेता संजीव कुमार की। 9 जुलाई 1938 को गुजरात के सूरत में पैदा हुए संजीव कुमार का असली नाम हरिहर जरीवाला था। फ‍िल्‍मों में अभिनय की चाहत जब मुंबई खींच लाई तो वह संजीव कुमार हो गए। 


कर‍ियर की शुरुआत करने के ल‍िए संजीव कुमार रंगमंच से जुड़े और बाद में उन्होंने फि‍ल्मालय के एक्टिंग स्कूल में एडम‍िशन ले ल‍िया। वर्ष 1960 में उन्हें फि‍ल्मालय बैनर तले बन रही फ‍िल्‍म 'हम हिन्दुस्तानी' में छोटा सा रोल न‍िभाने का मौका म‍िला। उसके बाद संजीव कुमार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और ह‍िंदी स‍िनेमा को ऐसी फ‍िल्‍में सौंपी जो आज भी खूब देखी और पसंद की जाती हैं। 


उन्होंने स्मगलर, पति-पत्नी, हुस्न और इश्क, बादल, नौनिहाल और गुनहगार फ‍िल्‍म में काम क‍िया। उन्होने गुलजार के साथ कुल 9 फ़िल्में कीं जिनमे आंधी (1975), मौसम (1975), अंगूर (1982), नमकीन (1982) प्रमुख है। संजीव कुमार ने अपने एक्‍ट‍िंग के हुनर से न स‍िर्फ दर्शकों को हैरान क‍िया बल्‍क‍ि स‍िनेमा के द‍िग्‍गजों को भी सकते में डाल द‍िया। उन्‍होंने नया दिन नयी रात फि‍ल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ‍िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। सलीम खान की फ‍िल्म त्रिशूल में संजीव कुमार ने अपने हम उम्र के अभ‍िनेता अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के पिता की भूमिका निभाई थी। ये भूम‍िका उन्‍होंने इतनी खूबसूरती से निभायी कि वो ही मेन हीरो मान ल‍िए गए।


सुलक्षणा पंडित ने किया था प्रपोज

मीडिया रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि संजीव कुमार हेमा मालिनी से बहुत प्‍यार करते थे। लेकिन उन्‍हें एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित बहुत चाहती थीं। सुलक्षणा पंडित ने उन्‍हें प्रपोज भी किया था लेकिन उन्‍होंने उसे स्‍वीकार नहीं किया। सुलक्षणा ने उन्‍हें शादी के लिए खूब मनाया था। संजीव कुमार की मौत के बाद सुलक्षणा डिप्रेशन में चली गईं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सुलक्षणा डिप्रेशन से बाहर आ गईं लेकिन वह आज तक कुंवारी हैं। उन्‍होंने किसी दूसरे शख्‍स से शादी तक नहीं की। 



अधूरी रह गई ख्‍वाहिश

बीबीसी ह‍िंदी में प्रकाश‍ित एक र‍िपोर्ट के मुताबिक, संजीव कुमार मुंबई में एक बंगला खरीदना चाहते थे, लेक‍िन उनकी ये चाहत पूरी नहीं हो पाई। र‍िपोर्ट में मुंहबोली बहन अंजू महेंद्रू ने बताया क‍ि संजीव कुमार जब बंगला पसंद आता था तो वो उसके ल‍िए रुपये का इंतजाम करने में लग जाते थे, लेक‍िन तब तक उसका रेट बढ़ जाता था। ऐसा कई बार हुआ। अंजू ने बताया क‍ि एक बार जब पैसा जमा हो गए और घर फाइनल हो गया तो पता चला की वह घर कानूनी पचड़े में फंसा हुआ है। इसी इच्‍छा के बीच संजीव कुमार 6 नवम्बर 1985 को इस दुन‍िया से चले गए। 



हार्ट की बीमारी से थे ग्रसित 

संजीव कुमार ने शादी इसलिए नहीं की थी क्‍योंकि उन्हें हार्ट की बीमारी थी। उनके परिवार में अध‍िकतर सदस्‍यों का निधन 50 साल से कम उम्र में ही हो गया था। वह नहीं चाहते थे कि वह शादी कर लें और अगर उन्‍हें कुछ हो गया तो उनका जीवनसाथी कैसे रहेगा। संजीव कुमार को श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया था।


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