नयी दिल्ली। दिनों दिन बढ़ते जा रहे जुर्म के दौर में आज के समय में कोई भी सुरक्षित नहीं है फिर चाहे वह बच्चा हो या बड़ा वहीं हाल ही में हैदराबाद डॉक्टर रेप केस के बाद अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से साल 2012 में हुए निर्भया कांड के आरोपियों की दया याचिका को खारिज करने की गुहार लगाई है। जंहा आयोग ने कहा है कि यह दूसरों को युवा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ इस तरह के अपराध करने से रोकेगा।

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने बयान में कहा, युवा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ अमानवीय त्रासदियों की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, ऐसे जघन्य अपराधों के दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए क्योंकि वे किसी भी दया के लायक नहीं हैं।

 

वहीं जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह सरकार को निर्देश दें कि इस तरह के जघन्य और क्रूर दुष्कर्म के मामलों में सभी अपीलों के परीक्षण और निपटारे के लिए एक निश्चित तंत्र और समय सीमा निर्धारित करें। वहीं यह समय सीमा छह महीने की तय की जा सकती है जिससे त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

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