नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 11 दिसबंर को तेलंगाना पुलिस द्वारा किए गए हैदराबाद मुठभेड़ मामले की आज सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की शीघ्र सुनवाई करने के वकील जी एस मणि के अनुरोध का संज्ञान लिया था। मणि ने कहा था कि इस मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।

 

एक अन्य अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी इसी तरह की याचिका दायर की थी। शर्मा की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में विशेष जांच दल की जांच की होनी चाहिए। याचिका में मणि और वकील प्रदीप कुमार यादव ने दावा किया है कि यह मुठभेड़ फर्जी थी और इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।

13 दिसंबर तक सुरक्षित रखे जाएंगे शव 
तेलंगाना हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट अगली सुनवाई 12 दिसंबर को करेगा। 

तेलंगाना सरकार ने भी गठित की एसआईटी
उधर तेलंगाना सरकार ने एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। एसआईटी का नेतृत्व राचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत कर रहे हैं। बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता दिशा के चार आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद से ही एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे थे। 

बता दें कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद के एनएच 44 पर पुलिस ने जांच के दौरान क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए आरोपी को अपराध स्थल पर लाया। यहां पर आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।

पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे गोलियां चलाते रहे। फिर पुलिस ने गोलाबारी की और चारों मुठभेड़ में मारे गए। मुठभेड़ के दौरान पुलिस के दो जवान घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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