नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश (पूर्व) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ दौरे पर हैं। कांग्रेस स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वे नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीए ऑफिसर एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने के लिए उनके घर गई थी। 

 

प्रियंका गांधी जब टू व्हीलर पर बैठकर जा रही थी उस दौरान रास्ते में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उन्हें रोका था। प्रियंका गांधी ने इस वाक्ये के बारे में बताया कि जब मैं दारापुरी जी के परिवार वालों से मिलने के लिए जा रही थी तब यूपी पुलिस ने मुझे रोका। पुलिस ने मेरा गला दबाया और मेरे साथ धक्कामुक्की भी की।

 

लखनऊ पुलिस की सफाई

लखनऊ एसएसपी कलानिधि नैतिनि ने कहा कि मॉर्निंग एरिया इंचार्ज डॉ. अर्चना सिंह ने एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया कि प्रियंका गांधी के ऊपर पुलिस के हमले की जो खबर मीडिया में वायरल हो रही है वह सरासर गलत है। 

 

उन्होंने बताया कि मैं पार्टी कार्यकर्ता के साथ बाइक पर बैठकर जा रही थी तभी रास्ते में पुलिस ने हमे चारों तरफ से घर कर हमें रोक लिया। इसके बाद हमें बाइक से उतर कर पैदल ही जाना पड़ा।

 

प्रियंका गांधी ने बताया कि मुझे रोका गया, मुझे गला दबाकर पुलिस वालों ने रोका, मुझे पकड़ कर धकेला गया। इसके बाद मैं गिर गई थी। इसके बाद मैं एक कार्यकर्ता के स्कूटर पर बैठकर गई। मुझे लेडी पुलिस अधिकारी ने रोका था। 

 

हालांकि पुलिस के रोके जाने के बाद भी प्रियंका गांधी पूर्व आईपीएस ऑफिसर के घर जाकर उनके परिजनों से मिलने में कामयाब हो गईं। उनसे मिलने के बाद गांधी ने बताया कि एस आर दारापुरी के गिरफ्तार होने के बाद उनका परिवार काफी दुखी हैं, वे एक काफी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं।  

 

पुलिस के रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने कहा कि ये कोई एसपीजी का आदेश नहीं है कि वे उन्हें रास्ते में जाने से रोक दें वे यूपी पुलिस के उन्हें रोकने का कोई मतलब नहीं है। 

 
आपको बता दें कि लखनऊ में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान पूर्व आईपीएस ऑफिसर एस आर दारापुरी और कांग्रेस पार्टी सदस्य सदफ जफर को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। एस आर दारापुरी को 19 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। 

 

 
 

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