आपने शादी में नई दुल्हन को फूलों से सजे कार में भेजते हुए जरूर देखा होगा लेकिन क्या कभी गोबर की लेप लगी गाड़ी में दुल्हन को आते देखा है? निश्चित तौर पर आपका जवाब होगा नहीं और आप कहेंगे कि भला महंगी एसयूवी गाड़ी पर कोई गोबर की लेप क्यों लगाकर बेटी को विदा करेगा? हम आपको बता दें कि यह सच है और ऐसा हुआ है महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में, जहां एक डॉक्टर ने गोबर की लेप से सजी गाड़ी में बिठाकर अपनी लाडली बेटी को विदा किया.

 

 

दरअसल ऐसा किया है डॉ. नवनाथ दुधाल ने जो पेशे से डॉक्टर और वैज्ञानिक हैं. इन्होंने मुंबई के टाटा रिसर्च अस्पताल में वर्षों तक काम किया. साल 2019 के मई महीने में जब पूरे देश में भीषण गर्मी पड़ रही थी तो उन्हें खुद को ठंडा महसूस कराने के लिए अपने एसयूवी गाड़ी के एसी को बार-बार तेज करना पड़ता था लेकिन फिर भी गर्मी लगती थी.

 

 

 

अस्पताल से रिटायर होने के बाद जब डॉ. नवनाथ दुधाल समाजसेवी राजीव दीक्षित से प्रेरित होकर उस्मानाबाद में गुरुकुल गोशाला शुरू की और वो गाय के गोबर पर रिसर्च करने लगे. इसी दौरान उन्हें पता चला कि गाय के गोबर से बाहरी तापमान को कम किया जा सकता है. इसी वजह से उन्होंने अपने एसयूवी गाड़ी पर गोबर का लेप लगवा लिया.

 

 

 

उन्होंने अपने इस फैसले को लेकर बताया कि उनकी गाड़ी में लेप लगाने में 30 किलो गोबर का इस्तेमाल किया गया.  डॉ नवनाथ दुधाल का दावा है गोबर लगाने के बाद गर्मी के दिनों में गाड़ी का तापमान कम करने के लिए उन्हें एसी का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना पड़ा. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि गोबर के लेप से गर्मी के दिनों में गाड़ी जल्दी ठंडी होती है और जाड़े के दिनों में गाड़ी में ठंड भी कम लगती है. 

 

 

 


इतना ही नहीं डॉ. नवनाथ ने बताया कि गाड़ी पर गोबर की लेप लगाने के बाद 6 महीने तक उसे धोना नहीं पड़ता है. जिससे प्रतिदिन के हिसाब से 20 लीटर पानी की बचत होती है. इससे महीने के 600 लीटर पानी बचाये जा सकते हैं.

 

 

 

गाड़ी पर गोबर के लेप के अलावा डॉ. नवनाथ दुधाल ने अपने मोबाइल कवर पर भी गोबर का लेप चढ़ाया है, यहां तक की उन्होंने गाड़ी में गोबर से बना गणपति ही रखा है.  डॉ. नवनाथ दुधाल का दावा है के गोबर के लेप से मोबाइल के रेडिएशन से बचा जा सकता है और गाड़ी में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

 

 

 

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