कोमपल्ली। पोलिंग स्टेशन पर वोट डालने की पूरी प्रक्रिया में बीकॉम थर्ड इयर की स्टूडेंट डी. धरनी को सिर्फ तीन मिनट का समय लगा। जी हां! फेशियल रेकग्नाइज़ेशन टेक्नॉलजी थी, जिसकी मदद से मिनटों में धरनी ने इस प्रक्रिया को पूरा किया। युवा वोटर धरनी ने कहा, 'मैं पहली बार पोलिंग स्टेशन पर आई थी, मुझे हैरानी हुई कि पोलिंग स्टाफ स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे थे।' राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने मेडचल मालकजगिरी जिले के कोमपल्ली नगरपालिका के 10 मतदान केंद्रों के मतदाताओं के लिए फेस रेकग्नाइज़ेशन टेक्नॉलजी की शुरुआत की थी। इन 10 मतदान केंद्रों पर कुल 7,700 मतदाताओं ने वोट डाले।

नई तकनीक के तहत एक मतदान अधिकारी एक स्मार्टफोन का उपयोग करके वोटर कार्ड का सत्यापन करने के बाद उसकी फोटो क्लिक करता है। फिर उस तस्वीर को 'फेस रेकग्नाइज़ेशन ऐप' का उपयोग करते हुए सर्वर पर अपलोड किया जाता है। तस्वीर मिलान के बाद स्मार्टफोन पर एक हरा निशान दिखाई देता है, जो बताता है कि वह एक वास्तविक मतदाता है। धरनी ने कहा, 'यह सराहनीय है कि एसईसी ने मतदान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए भी इसे जारी रखना चाहिए।'

चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारी के मुताबिक, इस पूरी प्रक्रिया में फोटोग्राफ्स और अन्य डेटा को स्टोर नहीं किया जाएगा। इस तरह का पूरा डेटा मोबाइल और तेलंगाना स्टेट टेक्नॉलजी सर्विसेज से हटा दिया जाएगा। गौरतलब है कि तेलंगाना 120 नगरपालिका और 9 नगर निगमों के लिए मतदान 22 जनवरी को हुआ है और इसके नतीजे 25 जनवरी तक घोषित होने की संभावना है। वहीं करीमनगर नगर निगम में 25 जनवरी को पोलिंग होगी और रिजल्ट की घोषणा 27 जनवरी को की जाएगी।

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