नयी दिल्ली। संसद के बजट सत्र का पहला चरण शुक्रवार से शुरू होगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। शुक्रवार को ही सरकार दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी, जबकि शनिवार को आम बजट पेश करेगी।दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच हो रहे बजट सत्र में नागरिकता संशोधन कानून, जेएनयू-जामिया में हिंसा, जम्मू-कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी और आर्थिक सुस्ती के मसले पर हंगामा होना तय है। शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिये मोदी सरकार अगले एक साल की अपनी योजनाओं का खाका पेश करेगी।

 
आर्थिक सुस्ती के बीच पेश हो रहे आम बजट पर लोगों की नजरें होंगी। खासतौर पर मध्य वर्ग, किसान, असंगठित क्षेत्र के कामगार आम बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। ऐसे में सरकार के सामने आम बजट में उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने का दबाव रहेगा। दिल्ली चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार इसमें दिल्ली केंद्रित कुछ अहम घोषणा कर सकती है।


सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार विपक्ष के सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सुझाव पर चर्चा गौर करेगी। मगर इसके लिए कार्यवाही में बाधा नहीं डालनी चाहिए। पीएम ने कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर सार्थक बहस होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था को वैश्विक संदर्भ में देखा जाना चाहिए और यह भी देखना चाहिए कि भारत इस स्थिति का कैसे लाभ उठा सकता है।

 
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने तीखे तेवर दिखाए। विपक्ष ने किसानों के मसले, सीएए के खिलाफ जारी आंदोलन, जेएनयू-जामिया विश्वविद्यालयों में हुई हिंसा और जम्मू कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी जारी रहने पर सवाल उठाए।

 
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद  ने सरकार पर अहंकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए इन मुद्दों को संसद में उठाने की घोषणा की। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लद जोशी ने विपक्ष को गरिमा बरकरार रखने की नसीहत दी। जोशी ने कहा कि विपक्ष को यह नहीं भूलना चाहिए कि सीएए को संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दी है।
 
 
सत्ताधारी राजग में शामिल दल शुक्रवार को दोपहर बाद सत्र की रणनीति बनाएंगे। इस बैठक में विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों का जवाब देने की रणनीति बनेगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले सभी मुद्दों का आक्रामक जवाब देने का फैसला किया है।

 
लोकसभा में सुचारु कामकाज के लिए स्पीकर ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं को डिनर दिया। इस दौरान बिरला ने सभी दलों से सुचारु कामकाज में सहयोग की अपील की। साथ ही आश्वस्त किया कि वह सभी दलों को बोलने का समान अवसर उपलब्ध कराएंगे।
 
 
केंद्र सरकार ने शुक्रवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान संसद में 45 बिलों को पारित कराने के लिए कमर कस ली है। इसके साथ ही उसने अपने विधायी एजेंडे में सात आर्थिक मदों पर भी संसद की मुहर लगवाने का लक्ष्य तय किया है।

 
संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने बृहस्पतिवार को सर्वदलीय बैठक के बाद इस बात की जानकारी दी। बजट सत्र की शुरुआत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संबोधित किए जाने के साथ होगी। इसके बाद शुक्रवार को आर्थिक सर्वे संसद में रखे जाने के बाद एक फरवरी की सुबह 11 बजे आम बजट पेश किया जाएगा, जिस पर 11 फरवरी तक चर्चा होगी।

 
इसके बाद 2 मार्च को दोबारा दोनों सदन बजट सत्र के लिए आयोजित होंगे, जो 3 अप्रैल को संपन्न होगा। इस तरह 64 दिनों के बजट सत्र के दौरान कुल 31 दिन तक संसद बैठेगी। इनमें 9 बैठक पहले भाग में और 22 दूसरे भाग में रखी गई हैं। बजट सत्र के दोनों हिस्सों में रखे गए अंतराल के दौरान संसद की स्थायी समितियां विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की तरफ से की गई अनुदान की मांग का परीक्षण करेंगी। 
 
 

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