कोरोनावायरस से चीन में अब तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। वुहान से भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने 20 फरवरी को एक सैन्य विमान भेजने का फैसला किया था। लेकिन, वायुसेना के इस विमान को चीनी अफसरों की तरफ से क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है। भारतीय अफसरों का कहना है कि दुनिया के कई देश चीन को मदद और अपने नागरिकों को लाने के लिए फ्लाइट्स भेज रहे हैं। सभी को चीन अनुमति दे रहा है, लेकिन भारतीय रिलीफ फ्लाइट्स को परमिशन नहीं दी जा रही? इस पर चीनी दूतावास ने कहा- हुबेई में हालात जटिल हैं और बीमारी की रोकथाम के इंतजाम के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है। जान-बूझकर फ्लाइट क्लीयरेंस नहीं देने जैसी कोई बात नहीं है।

 

 

 

 

भारतीय अफसरों का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बाकायदा पत्र लिखकर इस आपदा में चीनी सरकार और लोगों के साथ रहने और हरसंभव मदद करने की बात कही थी। चीन के रवैये से लगता है कि वे भारत से मदद नहीं लेना चाहते। इधर, चीनी अधिकारियों ने कहा- हमारे लिए भारतीयों की सेहत और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोनों देश इसको लेकर बातचीत कर रहे हैं। हमने भारत के नागरिकों की वापसी में पूरी सहायता की है।

 

 

 


सरकार ने सिंगापुर की यात्रा न करने की सलाह दी

कोरोनावायरस की रोकथाम के उपायों को लेकर शनिवार को कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। गौबा ने कहा- लोगों को बहुत जरूरी न होने पर सिंगापुर की यात्रा न करने की सलाह दी गई है। चीन, हॉन्गकॉन्ग सिंगापुर, थाइलैंड, जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले लोगों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग जारी रहेगी। सोमवार से नेपाल, इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया से आने वाले लोगों की भी जांच की जाएगी।

 

 

 

 

जापान के तट पर फंसे क्रूज डायमंड प्रिंसेस में मौजूद भारतीयों को निकाले जाने में भी देरी हो रही है। क्रूज पर 160 भारतीय फंसे हैं। इसको लेकर जापान के दूतावास ने कहा कि जापान के तट पर फंसे क्रूज में मौजूद भारतीय नागरिकों की कोरोनावायरस के लिए जांच होनी बाकी है। इसीलिए, भारतीय नागरिकों को नहीं निकाला जा सका है। इससे पहले, अमेरिकी सरकार ने क्रूज पर फंसे 300 से ज्यादा नागरिकों को निकाल लिया था। जहाज पर लगभग 3711 यात्री दो हफ्तों से फंसे हुए थे।

 

 

 


डब्ल्यूएचओ ने जारी की चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 12 सदस्यीय टीम कोरोनावायरस की जांच के लिए चीन पहुंच चुकी है। शुक्रवार को कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद टीम ने कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समय रहते जरूरी कदम उठाने को कहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा- कोविड-19 वायरस को दुनियाभर में फैलने से रोकने के मौके हाथ से निकलते जा रहे हैं। बीमारी पर लगाम लगाने के लिए सभी को साथ आना चाहिए। डब्ल्यूएचओ की टीम इस बात की भी जांच करेगी कि वायरस आखिर कैसे फैला।

 

 

 


647 भारतीयों को चीन से वापस लाया गया

एयर इंडिया ने 1 और 2 फरवरी को चीनी शहर वुहान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अपने दो विशेष विमान भेजे थे। सात मालदीव के नागरिकों समेत 647 भारतीयों को वहां से नई दिल्ली लाया गया था। पिछले दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा था कि अभी भी वुहान में करीब 80 छात्र फंसे हैं। इनमें वे छात्र भी हैं, जिन्हें पिछली बार संदिग्ध पाए जाने के कारण विमान में बैठने नहीं दिया गया था।

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