पतंजलि के इस दावे के बाद कि उन्होंने आयुर्वेदिक दवा कॉरोनिल के रूप में Covid-19 का इलाज ढूंढ लिया है, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने पतंजलि के दावे का परीक्षण होने तक दवा के प्रचार पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि,"आयुष मंत्रालय और अनुसंधान परिषद दोनों ही इसमें शामिल नहीं थे।"


सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम पर बाबा रामदेव का बयान सामने आया है. रामदेव ने कहा, यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन और गौरव देने वाली है, जो क्मयूनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है और Randomised Placebo Controlled Clinical Trials के जितने भी स्टैंडर्ड पैरामीटर्स हैं उन सबको 100% पूरा किया गया है. इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है.

 


योगगुरु रामदेव ने कहा कि इतना बड़ा काम किया गया है कि इतने सवाल तो होने ही है. सबका जवाब दे दिया गया है. ये जो सरकार है आयुर्वेद विरोधी सरकार नहीं है. मंजूरी मिलने के बाद ही आगे बढ़े. रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिया गया है. हमने 100 फीसदी क्लीनिकल ट्रालय के लिए जो सरकार द्वारा निर्धारित हैं उन मापदंडों का पालन किया गया है. जो अप्रूलवल लेना चाहिए था उसे लिया. मुझे लगता है कि थोड़ा कम्यूनिकेशन गैप थो वो अब खत्म हो गया है. अब इसमें कोई विवाद नहीं है.

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