गुरुवार को हॉट स्प्रिंग (पेट्रोलिंग पॉइंट-17) पर भारत और चीन का डिसइंगेजमेंट पूरा हो चुका है। इसी के साथ PP-14, PP-15 और PP-17 में पर भी दोनों सेनाओं का डिसइंगेजमेंट अब पूरा हो चुका है। हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी सैनिक लगभग 2 किलोमीटर पीछे चले गए। लद्दाख में फिंगर एरिया से भी चीनी सेना लगातार पीछे हट रही है। 

 

गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सेना के अफसरों के बीच कई दौर की बात हुई, लेकिन सहमति नहीं बन आई थी। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की चीन के विदेश मंत्री मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर दो घंटे चर्चा की। बातचीत के कुछ ही घंटे बाद चीन ने सेना वापस बुलाने का फैसला लिया।


भारत और चीन के बीच पॉइंट पीपी-14, पीपी-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया में भी विवाद है। इन इलाकों से भी सैनिक पीछे हटने शुरू हो गए हैं।


बॉर्डर पर शांति रखने और रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों को आपस में तालमेल रखना चाहिए। अगर विचार मेल नहीं खाएं तो विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए।

 

एलएसी पर सेना हटाने और डी-एस्केलेशन की प्रोसेस जल्द से जल्द पूरी की जाए। यह काम फेज वाइज किया जाए।


दोनों देश एलएसी का सम्मान करें और एकतरफा कदम नहीं उठाएं। भविष्य में सीमा पर माहौल बिगाड़ने वाली घटनाएं रोकने के लिए मिलकर काम करें।

 

एनएसए डोभाल और चीन के विदेश मंत्री आगे भी बातचीत जारी रखेंगे, ताकि दोनों देशों के समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति रहे और प्रोटोकॉल बना रहे।

 

भारत-चीन के बीच 15 जून को गलवान में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए, लेकिन उसने यह कबूला नहीं।

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