नीतीश कुमार कैबिनेट ने बिहार में पारित राज्य के नए मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम का एक बहुमूल्य नियम प्रस्‍तावित किया है|पारित और बिहार विधान मंडल सोमवार को दोनों सदनों में अगले हफ्ते चर्चा के लिए आने वाले इस विधेयक में प्रावधान है कि अगर शराब की बोतल किसी के घर में मिली तो परिवार के सभी सदस्यों को इसका जुर्माना भुगतना होगा और उन्हें न सिर्फ जेल भेजा जायेगा परंतु इसके लिए दस साल की सजा का भी प्रावधान भुगतना होगा|         
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इस आरोप से निकलने के लिए परिवार वालों को खुद अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी|वैसे कैबिनेट बैठक में इस प्रस्तावित विधेयक को कई मंत्रियो ने कानूनी और व्‍यावहारिक आधार पे खामियों से घिरी बताया परंतु मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि "पूर्व में जब भी मद्य निषेध किया गया तो कानूनी प्रावधान न होने के कारण ये कोशिशें नाकाम हो गईं।" 
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हालांकि सरकार सदनों में चर्चा के दौरान नए सुझावों  को भी शामिल करने के लिए राज़ी दिखी परंतु नया कानून कितना टिक पाएगा, इस पर अभी से बहस शुरू हो गई है। इस दौरान, अब्दुल जलील मस्तान, राज्य के मद्य निषेध मंत्री ने कहा कि "इन मामलों में मुखिया और पड़ोसी किसी भी हालात में आरोपी नहीं बनाए जाएंगे जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में  इस बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट में उल्‍लेख था।"
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आगे उन्होंने कहा "इसी तरह  महिलाओं और बचो को शराब के कारोबार में लगाने पर न्‍यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम उम्रकैद की सजा दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा यदि किसी महिला ने उसके साथ शराब पीकर मारपीट किये जाने की शिकायत की तो संबंधित पुरुष को नशा मुक्ति केंद्र में कुछ माह रहना होगा। इस काननू के लागू होने पर शराब से जुड़े हर मामले को गैरजमानती माना जाएगा।"   
 


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