अगर आप ध्यान देंगे तो आप देखेंग की पिछले कुछ सालों में सिजेरियन डिलीवरी के मामलों में खासी बढ़ोतरी आई है और ऐसा ना सिर्फ विदेशों में बल्कि हमारे खुद के देश में भी हो रहा। जी हाँ, दर्द और समय को बचाने के लिए डॉक्टर खुद प्रकृतिक तरीके को छोड़ सिजेरियन डिलीवरी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। एक तरफ जहां नॉर्मल डिलीवरी में खर्च भी कम आता है वहीं इसके ठीक विपरीत सिजेरियन डिलीवरी में अस्पताल ज्यादा से ज्यादा बिल बनाने का प्रयास करता है। ध्यान देने वाली बात यहां पर ये भी है की इस विधि में पैसे तो ज्यादा लग ही रहे हैं साथ ही साथ माँ और बच्चे की जान का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में इतने ज्यादा खर्च के बोझ को संभालना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है, इसलिए इन मामलों को देखते हुए मातृत्व चिकित्सा बीमा यानि की Maternity Insurance ( मातृत्‍व बीमा योजना ) लेना भी काफी हद तक आवश्यक हो गया है।


इस बीमा के जरिए कोई भी मां अपने मातृत्‍व से संबंधित व्‍यय को आसानी से कवर कर सकती है। हेल्‍थ से संबंधित कंपनियां और सामान्‍य कंपनियां एक मां को हेल्‍थ सेक्‍योरिटी और भविष्‍य को संवारने का मौका देती हैं। खासतौर से ये बीमा उन लोगों के लिए ज्यादा लाभदायक है जो बिना किसी फाइनेंसियल टेंशन के अपने पैरेंटहुड को इंज्‍वाय करना चाहते हैं।


बीमा कराने से पहले इन बातों का रखें खास ध्यान 


Maternity Insurance कराने से पहले आप उनसे जुड़ी मिलने वाले फायदों के बारे में जान लें, इसके अलावा जिस कंपनी से आप ये बीमा खरीद रहे हैं उनके सभी नियम और शर्तें को जानना भी आवश्यक है क्योंकि उनके हर अलगअलग प्लान के लिए शर्तें भी बिल्कुल अलग होती है। प्रतीक्षा अवधि से लेकर कवरेज लिमिट व नॉर्मल एवं सीजेरियन डिलिवरी के बारे में जो भी नियम है उसे जान लें।


कई कंपनियां इस बीमा के जरिए नवजात शिशु को पहले दिन से कवरेज, टीकाकरण लाभ जैसे फायदे भी देती है जिससे उनके ग्राहक उनकी ओर आकर्षित हो सकें। 


इसके अलावा कुछ कंपनियां मां के हॉस्पिटल का खर्च उठाने के साथसाथ यदि बच्चे को यदि जन्म के समय कोई गंभीर बीमारी है तो उसकी जांच, आदि का खर्च भी कवर करती है। 


ध्यान रहे कि आजकल के जो भी Maternity Insurance प्लान हैं वो ज्यादातर 2-4 वर्ष की प्रतीक्षा अवधि वाले ही मिलते हैं इसलिए पॉलिसी खरीदते समय ही इन बातों का ध्यान रखें। आज के युग में एकल परिवार होने के कारण ही विवाहित दंपत्ति को ये सलाह दिया जाता है कि वो शादी के तुरंत बाद ही ये बीमा करा लें ताकि फैमिली प्लानिंग में पैसे की समस्या न आए।

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