आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू का सरकारी आवास 'प्रजा वेदिका' का विवादित हिस्सा तोड़ा जा रहा है।  विदेश यात्रा से लौटने के बाद चंद्रबाबू नायडू 'प्रजा वेदिका' पहुंच गए हैं। मौके पर टीडीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता भी मौजूद हैं। विरोध के बीच एक जेसीबी, 6 ट्रक और 30 मजदूर बिल्डिंग को तोड़ रहे हैं। 



पुलिस की मौजूदगी में इसको तोड़ने का काम भी शुरू हो चुका है। आंध्र प्रदेश की सत्ता से विदाई के बाद चंद्रबाबू नायडू को मिल रही सहूलियतें कम होती जा रही हैं। तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में भी कटौती की गई है। बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है। पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है। 



जगन ने ठुकरा दी थी नायडू की मांग
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 'प्रजा वेदिका' के विवादित हिस्से को तोड़ने का आदेश दिया था, जिस पर प्रशासन ने मंगलवार देर रात से कार्रवाई शुरू कर दी है। आज यानी बुधवार को भी बिल्डिंग तोड़ने का काम किया जा रहा है। इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने 'प्रजा वेदिका' को विपक्ष के नेता का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी, लेकिन सीएम जगन मोहन रेड्डी ने मांग को ठुकरा दिया था।



मुख्यमंत्री आवास के रूप में बना था प्रजा वेदिका
प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के रूप में किया था।पांच करोड़ रुपये में बने इस आवास का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक कार्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे।



आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 'प्रजा वेदिका' बिल्डिंग ध्वस्त करने का आदेश दिया है। बिल्डिंग को तोड़ने का काम मंगलवार से ही शुरू हो चुका है।  बीते दिनों चंद्रबाबू नायडू ने जगनमोहन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर 'प्रजा वेदिका' को नेता प्रतिपक्ष का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी, लेकिन उनकी मांग ठुकरा दी गई।



'प्रजा वेदिका ’का निर्माण पिछली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार द्वारा एन चंद्रबाबू नायडू के आधिकारिक निवास के बगल में किया गया था। इसका उपयोग सरकार और पार्टी गतिविधियों दोनों के लिए किया जा रहा था।



हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में टीडीपी की हार के बाद, चंद्रबाबू नायडू ने 5 जून को नए मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने विपक्ष के नेता की हैसियत से उन्हें आवास आवंटित करने का अनुरोध किया था।



आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में तेलगू देशम पार्टी को को जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था, जिसने 151 सीटों पर जीत हासिल कर 175 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया था।



विपक्ष का आरोप, फेंका गया नायडू का सामान
सीएम जगन मोहन रेड्डी के बिल्डिंग तोड़ने के आदेश के बाद विपक्ष ने कई आरोप लगाए। टीडीपी नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी सामानों को बाहर फेंक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के निर्णय के बारे में पार्टी को बताया तक नहीं गया।



चंद्रबाबू नायडू के साथ जगन जैसा बर्ताव
प्रजा वेदिका को तोड़ने के आदेश पर आंध्र प्रदेश के नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने तंज कसते हुए कहा था कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता प्रतिपक्ष थे।

మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: