इस विधेयक को सरकार विधान सभा के मानसून सत्र में पेश कर पारित कराना चाहती है। इससे पहले गोहत्या विरोधी अधिनियम को पूर्व की भाजपा सरकार ने पारित किया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव (पशुपालन) मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि गाय के नाम पर हिंसा करने वाले की सजा को बढ़ाकर न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल किया जाएगा। यदि अपराधी दोबारा अपराध करता है तो उसकी सजा दोगुनी कर दी जाएगी।
संशोधन में उन लोगों को एक से तीन साल की सजा देने का प्रावधान किया जाएगा जो हिंसा के लिए लोगों को उकसाने का कार्य करेंगे। संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले गोरक्षों को गोहत्या विरोधी अधिनियम के तहत सजा दी जाएगी। यह कदम सियोनी जिले के कच्छीवाड़ा के अंतर्गत आने वाले डुंडासियोनी पुलिस स्टेशन में मई 22 को हुई घटना के बाद उठाया गया है। यहां पांच लोगों ने तीन लोगों की पिटाई कर दी थी। जिसमें मुस्लिम शख्स और एक महिला भी शामिल थी। उनपर बीफ ले जाने का शक था।
इससे पहले राज्य सरकार ने फैसला किया था कि गायों को लाने और ले जाने के नियमों को आसान बनाया जाए ताकि किसान और व्यापारियों को गोरक्षक परेशान न करें और पुलिस न रोके। सरकार ने किसानों के बीच गाय के व्यापार को उस शर्त को हटाते हुए मंजूरी दे दी है जिसमें कहा गया था कि वह बाजार या हाट से ही गोवंश खरीद सकते हैं।