नयी दिल्‍ली। मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है। पूर्ण बजट पेश करते हुए देश की पहली महिला वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं के लिए कई महत्‍वपूर्ण एलान किए। उन्‍होंने साफ कहा कि कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां महिलओं की भागीदारी नहीं है। वे हर क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इसलिए देश को सशक्‍त बनाने के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण आवश्‍यक है।


सीतारमण ने कहा कि इस देश की परंपरा 'नारी, तू नारायणी' का है। इस क्रम में उन्‍होंने स्वामी विवेकानंद के एक पत्र का भी जिक्र किया, जो उन्‍होंने स्वामी रामकृष्ण को लिखा था। सीतारमण के अनुसार, इसमें उन्‍होंने साफ लिखा था कि महिलाओं की स्थिति में सुधार के बिना दुनिया के कल्याण की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्‍होंने यह भी कहा कि पिछले करीब एक दशक में देश में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है तो वे हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा ले रही हैं।


अपने बजट भाषण के दौरान वित्‍त मंत्री ने हालिया लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी का खास तौर पर जिक्र किया और कहा कि न केवल बड़ी संख्‍या में महिलाएं मतदान के लिए घर से बाहर निकलीं, बल्कि लोकसभा में इस बार सबसे अध‍िक 78 महिलाएं चुनकर आईं। उन्‍होंने दो टूक कहा कि महिलाओं की भागीदारी से ही देश का विकास संभव है और इसलिए उनकी स्थिति में सुधार जरूरी है।


महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से हर जिले में 'विमन एसएचजी इंट्रेस्ट सबवेंशन प्रोग्राम' लागू करने का प्रस्ताव करते हुए उन्‍होंने कहा कि जिन महिलाओं के जन धन खाते हैं और जो स्‍वयं सहायता समूह (SHG) में वैरिफाइड हैं, उन्‍हें 5 हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी। साथ ही मुद्रा योजना के तहत ऐसी महिलाओं को 1 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जाएगा।


इसके अतिरिक्‍त वित्‍त मंत्री ने स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत भी महिला उद्यमियों को लाभ दिए जाने का प्रस्‍ताव रखा। अपने बजट भाषण में उन्‍होंने खास तौर पर देश की ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में महिलाओं के योगदान का उल्‍लेख किया और महिलाओं की स्थिति सशक्‍त बनाने पर जोर दिया। वित्‍त मंत्री ने महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार को महत्‍वपूर्ण सुझाव देने के लिए एक उच्‍च स्‍तरीय समिति के गठन का प्रस्‍ताव भी रखा।





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