केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को हैदराबाद पहुंचे। यहां उतरने के बाद उन्‍होंने तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले का दौरा किया और यहां से बीजेपी के सदस्‍यता अभियान की शुरूआत भी की।  शाह ने यहां के ममदीपल्‍ली गांव में एक आदिवासी महिला जाटवती सोनी के घर पर भोजन भी किया। 



 
हालांकि ये ऐसा पहला मौका नहीं था, इससे पहले भी शाह आदिवासियों के यहां भोजन कर चुके हैं। इस आदिवासी परिवार को भी शाह ने पार्टी की सदस्‍यता दिलाई।  वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री एन भास्‍कर राव ने भी इस दौरान बीजेपी की सदस्‍यता ग्रहण की।  इसे बीजेपी की बड़ी कामयाबी भी मानी जा रही है।  



'सज्जन-शक्ति' बीजेपी में हो रहे इक्‍ट्ठा
इस दौरान शाह ने कहा, 'पार्टी में 'सज्जन-शक्ति' इकठ्ठा हो रही हैं। सभी दलों में अच्छे लोग हैं और वही अच्छे लोग पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी में आ रहे हैं। ' उन्‍होंने कहा कि चुनाव में हारते ही पार्टियां बिखर जाती हैं। कांग्रेस बिखर गई है. TDP बिखर गई. क्योंकि वे व्यक्ति, परिवार या जाति पर आधारित पार्टियां हैं। बीजेपी व्यक्ति प्रधान पार्टी नहीं है. सर्व समावेशी बीजेपी बनानी है।


  
शाह ने तेलंगाना को 18 लाख नए सदस्य बनाने का टार्गेट दिया है। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में 19% वोट मिला था, इसको बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक पहुंचाना है। अमित शाह ने कहा कि जिस गांव में सदस्यता बढ़ाने के लिए बीजेपी के कार्यकर्ता जाएंगे वहां स्वच्छता अभियान का ध्यान रखेंगे और कम से कम 5 पेड़ लगाने हैं।  



भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को 17वीं लोकसभा के लिए चुनकर आए नए सांसदों से मुलाकात की। इस दौरान शाह ने कहा कि 15 लाख से ज्यादा लोगों का प्रतिनिधित्व हम यहां कर रहे हैं। जब तक हम प्रतिनिधित्व जिस संस्था में कर रहे हैं उस संस्था के बारे में नहीं जानेंगे, तब तक हमारा अच्छा और प्रभावी सांसद बनना असंभव होगा।  



शाह ने कहा, 'मैं चुनकर आए सभी दलों के सांसदों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमें हमेशा ये ध्यान रखना होगा कि सवा सौ करोड़ लोगों के देश में 543 सांसद चुने जाते हैं, ये सांसद ही देश का भविष्य तय करते है।"



गृह मंत्री ने कहा, 'आज हम लोकसभा के अंदर बैठे हैं, हर रोज आते हैं, हर रोज यहां वक्तव्य देंगे, मगर ये संस्था क्या है? जब तक वो गौरव के साथ में नहीं पहचानेंगे अपने आप के बारे में भी गौरव खड़ा करना और प्रभावी काम करना असंभव है।'



सांसदों को दी यह खास सलाह
शाह ने सांसदों को सलाह देते हुए कहा कि 'हमें ये सदैव ध्यान रखना चाहिए कि राजनीति आरोप-प्रत्यारोप में जवाब देना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन इसके साथ में कानून बनाने की प्रक्रिया में हमारा योगदान महत्वपूर्ण और सटीक होना चाहिए। ' उन्होंने कहा कि 'हमारे देश ने लोकतंत्र को पहले ही स्वीकार कर लिया था। उसके बाद बहस हुई की लोकतंत्र के किस स्वरूप को हम स्वीकार करें। उस पर हमारी संविधान सभा ने तय किया कि भारत के लिए मल्टीपार्टी पार्लियामेंट्री सिस्टम हमारे लिए उपयुक्त होगा और उसे हमने स्वीकार किया।'

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