नोएडा। उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेस वे पर इस साल हुए हादसों में अब तक 154 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वर्ष 2012 में परिचालन में आने के बाद से किसी एक साल में मौतों की यह सबसे अधिक संख्या है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली को आगरा से जोड़ने वाली इस 165 किलोमीटर लंबी सड़क पर 31 जुलाई तक 357 हादसे हुए जिनमें 822 लोग घायल हुए और 145 ने अपनी जान गंवाई। यह जानकारी आगरा के वकील कृष्ण चंद जैन की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में दी गई है।


पीटीआई-भाषा ने अगस्त और सितंबर में ग्रेटर नोएडा में एक्सप्रेस वे पर तीन सड़क हादसों की जानकारी दी थी जिसमें तीन छात्रों सहित नौ लोगों की मौत हुई थी। इस प्रकार इस साल अब तक 154 लोगों की मौत हुई है।


यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए)की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक इससे पहले सबसे अधिक मौतें वर्ष 2017 में दर्ज की गई थीं। तब कुल 763 हादसों में 146 लोगों ने जान गंवाई थी।


वाईईआईडीए ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिसमें छोटे वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटे और भारी वाहनों की गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटे तय करना, कई स्थानों पर अवरोधक, चेतावनी देने वाले बोर्ड लगाना आदि शामिल हैं।


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