जैसा की हम सभी जान रहे हैं आज  29 सितंबर 2019 से शारदीय नवरात्रि, रविवार को आश्विन माह के शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तिथि यानि 7 अक्टूबर 2019 तक चलेगा। 29 सितंबर, रविवार को कलश स्थापना सुबह 6 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक कर सकते हैं। नवरात्रि का पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता हैं और इन नौ दिनों में माँ के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं। यदि आप नवरात्रि के व्रत का संकल्प ले रहे हैं तो नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के प्रथम रूप माँ शैलपुत्री की पूजन किया जाता हैं, माँ शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं।



रविवार पहला नवरात्र माता को देख बोलदे 2 शब्द का यह मंत्र
नवरात्रि के दिन में माँ शैलपुत्री के पूजन का विशेष महत्व बताया गया हैं क्योंकि इनके पूजन से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। माँ शैलपुत्री को ममता और करुणा की देवी माना जाता हैं, माँ शैलपुत्री प्रकृति की भी देवी हैं। उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल का फूल हैं। माँ शैलपुत्री का वाहन ऋषभ यानि बैल होता हैं, वहीं नवरात्रि के पहले दिन पूजा बड़े विधि-विधान से करने के लिए उस जगह को साफ करे और फिर माँ शैलपुत्री की तस्वीर स्थापित करे और उसके नीचे लकड़ी की चौकी या लाल वस्त्र बिछाए।
अब इसके ऊपर केसर शम लिखे और मनोकामना बूटिका रखे, इसके पश्चात हाथ में पुष्प लेकर हाथ जोड़कर माँ शैलपुत्री का ध्यान करे और एक खास मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः’ का जाप करे। मंत्र का जाप करने के बाद मनोकामना बूटिका, पुष्प लेकर माँ के ऊपर छोड़े और फिर माँ को भोग-प्रसाद अर्पित करे।



माँ को भोग-प्रसाद अर्पित करने के पश्चात माँ शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करे और इस मंत्र का जाप आप कम से कम 108 बार करे। माँ शैलपुत्री का खास मंत्र ‘ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:’ जाप करे। मंत्र संख्या पूर्ण होने के बाद माँ के चरणों में अपने मनोकामना को व्यक्त कर प्रार्थना करे और श्रद्धा पूर्वक माँ की आरती करे। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामना जल्द ही पूर्ण हो जाएंगे और आपके ऊपर माँ का खास आशीर्वाद रहेगा। देवी माँ मनुष्य के श्रद्धा भाव से प्रसन्न होती हैं और यदि आप भी इस नवरात्रि अपनी कोई मनोकमान पूरी करना चाहते हैं तो इस विधि से नवरात्रि की पूजा अवश्य करे ताकि आप भी माँ का आशीर्वाद प्राप्त हो सके और अपना जीवन सुखी पूर्वक बिता सके।

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