भाई दूज का पर्व दिवाली के दो दिन बाद यानि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता हैं, इस पर्व का इंतजार हर भाई-बहन को रहता हैं| यह पर्व भी रक्षाबंधन की ही तरह मनाया जाता हैं, इस दिन बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं| इतना ही नहीं इस दिन बहने अपने भाई की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और फिर पूजा करती हैं| वहीं भाई अपने बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं और फिर उन्हें बहुत सारा उपहार देते हैं| बता दें की भाई दूज का पर्व 29 अक्टूबर 2019, मंगलवार यानि आज हैं| सबसे पहले इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले लेकिन यदि आपके आस-पास यमुना नदी हैं तो भाई दूज के दिन यमुना में स्नान कर ले और फिर पूरे विधि-विधान से पूजा करे| इसके लिए एक चाँदी और पीतल की कटोरी ले और फिर इसमें केसर या हल्दी ले, अब इसमें गंगा जल डालकर अपने भाई का तिलक करे| भाई का तिलक करने से पहले उसे भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करे ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का जाप कम से कम 27 बार करे, इससे इस तिलक में भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त हो जाएगा|



भाई दूज बहन अपने भाई के हाथों में दें दे यह 1 चीज
अब इस तिलक से भगवान विष्णु का तिलक करे, भगवान का तिलक करने के बाद अपने भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठाएँ, अब अपने भाई का तिलक करे, तिलक करने के बाद भाई के माथे पर थोड़ी सी अक्षत लगाएँ| तिलक लगाने के बाद अपने भाई के हाथों पर कलावा बांधे और फिर अपने भाई के हाथों में सूखा नारियल, पुष्प, पान, सुपारी और उनके हाथ में कुछ पैसे दे कर उनके हाथ पर पानी छोड़े| पानी छोड़ने के बाद अपने भाई का मुंह मीठा कराये| अब अपने भाई को भोजन कराएं, ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन भाई का बहन के घर जाकर भोजन करना शुभ माना जाता हैं| लेकिन यदि बहन शादीशुदा ना हो तो वह बहन अपने भाई को अपने हाथों से भोजन बनाकर खिलाएँ| भाई दूज मनाने के बारे में कहा जाता हैं कि यह वहीं दिन हैं जब यमराज अपने बहन यमुना से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं और उसी परंपरा को मनाते हुये भाई दूज का पर्व मनाया जाता हैं, इस दिन यमराज की पूजा करनी चाहिए|

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