इस बार प्रदोष व्रत शनिवार, 9 नवंबर को रखा जाने वाला है| इस बार देखा जाये तो जो त्र्योदिशी तिथि है वह शनिवार के दिन पड रही है और जब त्र्योदिशी तिथि शनिवार के दिन पड़ती हैं तो इसे ही हम प्रदोष व्रत कहते है| इस बार प्रदोष व्रत पर काफी अच्छा संयोग बनता हुआ दिखाई दे रह है| प्रदोष व्रत पर भगवान शंकर की की ही पूजा की जाती हैं लेकिन अगर यह व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा हो तो भगवान शंकर के साथ-साथ शनि देव की पूजा करना भी बहुत ज़रुरी होता है| अगर आप ने प्रदोष व्रत पर शनि देव को मना लिया तो आप आने वाले समय में शनि के प्रभावों से खुद को बचा सकते हो|



प्रदोष व्रत पर शनि के प्रभावों से बचने के लिए क्या करें
नौकरी और व्यापारिक समस्याओं को खत्म करने के लिए – अगर आपको नौकरी या व्यापार मे समस्याएं आ रही हैं तो प्रदोष व्रत के दिन दशरथकृत शनि स्रोत का पथ ज़रुर करें| व्रत वाले दिन सुबह-सुबह हनुमान चालिसा का पाठ करें| भगवान शिव का अभिषेक करने के साथ ही नाव के किल की अंगूठी धारण करना भी आपके लिए बहुत अच्छा हो सकता है| अपने ऊपर चढ़े शनि के प्रभावों को दूर करने के लिए – अगर आपको शनि देव नुकसान पहुंचा रहे हैं तब आप “ ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:” इस मंत्र का रोज़ाना जाप करें और प्रदोष व्रत के दिन तो इस मंत्र का जाप ज़रुर करें| साथ ही शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक लगाए| एक बात का हमेशा ध्यान रखे कि गलती से भी मदिरा पान का सेवन इस दिन ना करें|



दाम्पत्य जीवन में सुधार के लिए –अगर आपके दाम्पत्य जीवन, स्वास्थ्य या प्रेम सम्बन्धी जीवन में समस्याएं आ रही है तो इसके लिए हनुमानजी के मंदिर जाकर सिंदूर चढाना काफी ज्यादा अच्छा होता है| साथ ही रोज़ाना शनि मन्दिर जाना भी आपके लिए काफी अच्छा हो सकता है| इसके अलावा काले कुत्ते को रोटी खिलाना भी काफी ज्यादा अच्छा माना जाता है| शनि साढ़ेसाती से पीड़ित लोगो के लिए – साढ़ेसाती से पीड़ित लोगों के लिए हर शनिवार के दिन शनि महाराज को तेल का दीपक लगाना चाहिए| ऐसा करने से शनि के सभी दोषों से मुक्ति प्रदान होती है| एक चीज़ का हमेशा ध्यान रखें की तेल चढ़ाने से पहले तेल में एक बार अपना चेहरा ज़रुर देख ले| इन सभी विधियों को करने से आप सभी को निश्चित ही लाभ मिलता है|

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