क्या हमने कभी खुद से सवाल किया कि आखिर हमारा जन्म इस धरती पर क्यों हुआ है ? आखिर हम किस काम के लिए इस दुनिया में आए हैं ? जी हां इसका एक जवाब है। परमात्मा की साधना के लिए। हम लोग घर में रोज पूजा-पाठ करते भी हैं, भगवान को याद करते हैं, उनसे मनोकामनाएं मानते हैं। कहते हैं कि हमारा जन्म पूजा-पाठ में लीन रहने यानी परमात्मा की शरण में रहने के लिए ही हुआ है। पर हम कभी-कभी घर में नकारात्मक शक्तियां भी महसूस करते हैं। कभी-कभी हमारे साथ बिना बताए अनहोनी हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमने पूजा ठीक से नहीं की। पूजा करते वक्त हमसे गलती हुई। आज हम आपको इस लेख में ये बताएंगे कि आखिर ऐसी कौन-कौन सी बातें हैं जिनका ध्यान हमें पूजा के वक्त रखना चाहिए।

 

 

इन बातों का जरूर रखें ध्यान
भगवान की पूजा करना हर किसी की आस्था होती है। सब चाहता है कि उसे परमात्मा यानी देवताओं की पूजा करने का मौका मिले। लेकिन जब हम पूजा के लिये जाएं तो हमारा शरीर शुद्ध हो।बिना स्नान किये कोई अराधना नहीं करता है।अगर कोई शरीर से स्वस्थ्य नहीं है तो भी वह पूजा कर सकता है बस उसे अपने शरीर पर गंगाजल छिड़कना होगा। पंचस्नान करें उसके बाद देवताओं के सम्मुख दीपक और बत्ती जलाएं। नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए घर में प्रधान दीपक जरूर जलाएं। सीधा भगवान को धूप या बत्ती ना दिखाएं इससे आपको पूजा का फल नहीं मिलता।

 

 

भगवान की ऐसे करें आराधना
सुबह के वक्त घी या तील के तेल का ही प्रधान दीपक जलाएं। सरसो के तेल का दीपक न जलाएं। क्योंकि सरसो शनि और तामस का प्रतीक है। दीपक जलाकर भगवान स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। सभी देवताओं पर गंगाजल छिड़कें। धूप या अगरबत्ती जलाकर पूरे घर में उसे दिखाएं। पूरे घर में धूप-अगरबत्ती दिखाने से घर का वातावरण शुद्ब होता है। घर से सारी नकारात्मक शक्तियां बाहर चली जाती हैं। और तो और बिना आसन के पूजा बिल्कुल ना करें। जब आप पूजा कर रहे हों तो आपका मुख पूरब की तरफ ही होना चाहिए। जो दीपक आप जलाते हैं उसका मुख भी भगवान की तरफ ना होकर आपकी तरफ होना चाहिए।

दीपक जलाने की असली विधि यही है पूजा करने के वक्त। तो अगर आपको अपनी पूजा के बाद भगवान से फल की प्राप्ति करनी है तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो आपकी पूजा व्यर्थ जाएगी।

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