आखिरकार वो समय आ ही गया, जिसका हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे| माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी हैं| बसंत पंचमी का त्यौहार इसलिए भी ख़ास होता है क्योंकि इस दिन माता सरस्वती का जन्मोत्सव मनाया जाता है| वसंत पंचमी के दिन शुभ महूर्त पर स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनकर माता की अराधना की जाती है जो की माता सरस्वती का प्रिय रंग होता है| बसंत पंचमी के दिन किसी भी तरह का धार्मिक कार्य या शुभ कार्य करना काफी अच्छा माना जाता है|

 

 

इस दिन सभी जगह स्कूल, कॉलेज या कला से जुड़े हर क्षेत्र में माता सरस्वती की वन्दना की जाती है| माता सरस्वती स्वर, संगीत, कला, ज्ञान और बुद्धिमता की देवी है| लोग माता सरस्वती की अराधना ज्ञान और कला कला की प्राप्ति के लिए करते है| माता सरस्वती की तस्वीर को कला और ज्ञान प्रशिक्षण वाले स्थान पर लगाना काफी अच्छा माना जाता है|

कैसे करें माँ सरस्वती की पूजा

माँ सरस्वती की पूजन का शुभ समय 29 जनवरी 2020 के दिन सुबह 10:45 से लेकर 29 जनवरी के ही दिन 12:30 बजे तक बताया गया है| इस दिन स्नान कर लेने के बाद सबसे पहले पीले या श्वेत रंग के वस्त्र धारण करना होता है| इसके बाद आप पूजन स्थल पर माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित कर सकते है| ध्यान रहे कि आपको पूजन केवल उत्तर या पूरब की तरफ मुख कर के ही करना है|

 

पूजा करने के लिए आपको माता सरस्वती को पीले रंग के कपड़े पर बैठा देना है| इसके बाद आपको पूरी विधि के साथ माता सरस्वती का पूजन करना है| पूजा करते समय मात सरस्वती को सफ़ेद कमल ज़रुर चढ़ाए| इसके अलावा आप को इस दिन आपको खीर के प्रसाद का भोग लगाना चाहिए|

 


वसंत पंचमी पर ज़रुर करें ये उपाय
इस दिन हर तरह की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए आप हमारे द्वारा बताये गया एक विशेष उपाय कर सकते है| इस उपाय को करने के लिए आपको एक लाल कागज़, दो अनार, रुद्राक्ष की माला और माता सरस्वती की तस्वीर ले लीजिये| सबसे पहले आपको माता सरस्वती की तस्वीर पर सफेद चंदन, सफेद फूल, सफ़ेद अक्षत, सफ़ेद चावल को चढ़ा देना है| इसके बाद आपको माता के सामने चार मुख वाला दिया जलाते हुए उन्हें लाल रंग के फूल भी अर्पित कर देना है|

 

इसके बाद धुप जला कर आपको माँ सरस्वती से उस मनोकामना को पूर्ण करने की कामना करना है जिसे आप पूर्ण करना चाहते है| इसके बाद आपको रुद्राक्ष की माल लेकर 21 या 101 बार माता सरस्वती के मंत्र का जाप करना है| ऐसा करने से आपको ज्ञान और कला के क्षेत्र में तो लाभ होगा ही साथ ही आपकी सभी मनोकामना भी पूर्ण हो जायेगी| इस दिन माँ सरस्वती की बंदना ज़रुर करें| 

 

माँ सरस्वती ज्ञान और कला मंत्र
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।

 

सरस्वती वन्दना मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारधरधवला या शुभ्रवस्त्रवृता।

या वानवरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासनाअ||

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभज्ञानभिर्देवै: सदा वन्दिता।

सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥ 

शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमम आद्यां जगद्व्यापिनीम्।

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदं जाड्यान्धकारापम्||

हस्ते स्फटिकमालिकाम् विद्धतिम् पद्मासने संस्थिताम्।

वन्दे ताम परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदम् शारदम् ॥2 

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