आंकड़े भी इनके खराब प्रदर्शन की कहानी बयान कर रहे हैं। वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें तो कांग्रेस और बीजेपी से ज्यादा वोट राज्य में 'इनमें से कोई नहीं' यानी नोटा वाले विकल्प पर पड़े हैं।
राज्य में लोकसभा चुनाव में 1.5 फीसदी वोटरों ने जहां नोटा का बटन दबाया, वहीं बीजेपी को सिर्फ 0.96 फीसदी वोट मिले। एक समय प्रदेश की सत्ता पर एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस पार्टी भी जगन की आंधी में उड़ गई। कांग्रेस को सिर्फ 1.29 फीसदी वोट ही मिले।
बीजेपी-कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त
यही हाल विधानसभा में भी था, जहां नोटा के 1.28 फीसदी वोट प्रतिशत के मुकाबले कांग्रेस को 1.17 फीसदी और बीजेपी को 0.84 फीसदी वोट ही मिले। दोनों दलों के सभी उम्मीदवार लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। नारासरावपेट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के. लक्ष्मीनारायण और कल्याणदुर्ग से विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एन. रघुवीर रेड्डी भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए।